Dialogues

सुमितनमस्ते अम्मा, कटिंग चाय यहाँ मिलेगी ?
चाय वालीहाँ बिल्कुल ।
सुमितकितनी की ?
चाय वालीएक ग्लास पंद्रह रुपये का है ।
सुमितअच्छा, तो एक ग्लास दे दीजिए ।
चाय वालीचीनी वाली या फीकी ?
सुमितफीकी और कड़क होनी चाहिये ! अदरक ज़रूर डालना ।
चाय वालीअरे अदरक भी है और लौंग-इलायची भी ।
सुमितवाह, क्या बात है । फिर तो एक प्लेट समोसा भी दे दो ।
चाय वालीचाय बस अभी उबली है तो ध्यान से पकड़ना, बहुत गरम है ।
सुमितसब मिलाके टोटल कितना हुआ ?
चाय वालीदोनों मिलाके तीस रुपये ।
सुमित[तीस रुपये देते हुए] यह लो ।
[दूसरा ग्राहक आकर; Another customer enters]
विशालहे सुमित, क्या हाल है ? बहुत दिन हो गये ।
सुमितअरे, विशाल ! बस, सब बढ़िया । आजकल तुम क्या कर रहे हो ?
विशालमैं पास की एक टेक कम्पनी में काम करता हूँ । रोज़ ब्रेक टाइम पर यहाँ आकर चाय पीने आ जाता हूँ । अम्मा की चाय ज़िंदगी की सब टेंशन हटा देती है । [चाय वाली से] अम्मा, एक चाय दे दो ।
चाय वालीज़रूर ।
विशाल[सुमित से] और तुम ? तुम क्या कर रहे हो ? यू.एस. में हो न ?
सुमितहाँ, मैं पिछले दो साल से यू.एस. में रह रहा हूँ । मैंने वहाँ नया इंडियन होटल खोला है, तो बहुत व्यस्त रहता हूँ । [चाय पीकर] तुम सही कह रहेे हो, चाय बहुत अच्छी बनी है ।
विशालहै न ? तो नया होटल खोला है ? क्या बात है, सुमित । तुम हमेशा से बड़ा अच्छा खाना बनाते थे । तो भारत में क्या कर रहे हो ?
सुमितअपने दादी-दादा से मिलने आया हूँ। हर साल आने की कोशिश करता हूँ लेकिन पिछले साल नहीं आ पाया ।
विशालअच्छा । दादा-दादी कैसे हैं ?
सुमितठीक ही हैं ! दादी की तबीयत कभी-कभी ठीक नहीं रहती, लेकिन वे मैनेज कर रही हैं । तुम्हारे परिवार में सब लोग ठीक है ?
विशालहाँ सब लोग ठीक हैं । मुझे वापस दफ़्तर जाना होगा । तुम कब तक हो इंडिया में ?
सुमितमैं अगले शुक्रवार को जा रहा हूँ ।
विशालठीक है । तो तुम्हारे जाने से पहले हमें फिर से मिलना चाहिए ।
सुमितज़रूर । दादी-दादा के घर आना । उन्हें भी तुमसे मिलकर अच्छा लगेगा ।
विशालहाँ, ज़रूर आऊँगा । मिलते हैं फिर ।
सुमितसही , मिलते हैं ।
[स्मृता के घर पर]
स्मृताभइया, मैं कल अम्मा को देखने जयपुर जाने वाली हूँ । तुम भी आ रहे हो ?
सौरभकब जा रही हो ? मुझे कल काम करना है, लेकिन शाम को निकल सकता हूँ ।
स्मृताअभी टिकट बुक नहीं हुआ । लेकिन दोपहर में जाने की सोच कर रही थी । परसों भी काम है ?
सौरभनहीं, काम नहीं है तो परसों कभी-भी जा सकूँगा ।
स्मृताअच्छा, तो परसों सुबह जाएँ ?
सौरभहाँ । अजमेर शताब्दी सुबह छह बजे नई दिल्ली स्टेशन से निकलती है । तीन-चार घण्टों में जयपुर पहुँचा देती है ।
स्मृताठीक है । मैं हम दोनों के लिए टिकट बुक कर लूँगी ।
सौरभचलो । फिर परसों सुबह नई दिल्ली स्टेशन के बाहर मिलेंगे ।
स्मृताहाँ जी । मैं वहाँ पे सुबह के सवा पाँच बजे पहुँचूँगी ।
सौरभठीक है । मैं गैट के बिल्कुल बाहर तुम्हारा इंतज़ार करूँगा ।
स्मृताठीक है । परसों मिलते हैं ।
[नई दिल्ली स्टेशन के बाहर]
स्मृताअन्दर चलें ?
सौरभजी । मेरी टिकट लाई हो न ?
स्मृताहाँ, यह लो ।
सौरभकितना हुआ ?
स्मृताबारह सौ ।
सौरभअभी पाँच सौ हैं मेरे पास । थोड़े छुट्टे पैसे भी हैं लेकिन बाकी पैसे मैं बाद में ए.टी.एम से निकालके तुम्हें देता हूँ ।
स्मृताठीक है, कोई नहीं ।
[प्लैटफ़ॉर्म पर]
सौरभट्रैन निकलने वाली है । हमें अपना डिब्बा ढूँढना चाहिए । टिटक पर क्या लिखा है ?
स्मृतावातानुकूलित द्वितीया श्रेणी डिब्बा १२ कुर्सियाँ ५४ और ५५ ।
सौरभठीक है । तो हमारे सामने डिब्बा ४ है । थोड़ा आगे जाना पड़ेगा । सामान लेके चलें ?
स्मृताहाँ चलो ।
[ट्रैन में ]
स्मृतायहीं हैं हमारी कुर्सियाँ । आओ बैठो ?
सौरभहाँ बिल्कुल । मैं बस सामान ऊपर रखता हूँ ।
स्मृताठीक है । चाय वाला अभी आने वाला होगा । तुम्हें चाय चाहिए ?
सौरभहाँ, ले लो । लम्बा सफ़र है तो चाय की ज़रूरत पड़ेगी ।
स्मृताबिल्कुल, ठीक बात ।